मेरी माता तुल्य प्रेरणा जी
मेरे पिता तुल्य श्री नरेंद्र शाह के निधन का समाचार सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ।
श्री नरेंद्र जी ने मुझे पिता की तरह स्नेह दिया और धर्म आराधना में मुझे हर क्षण प्रेरणा प्रदान की और भरपूर सहयोग दिया। क्षुल्लक अवस्था के साथ मुनि बनने एवं उसके बाद भी व्रतों की पालना में उन्होंने अपना हरसंभव योगदान देकर संत सेवा की मिसाल कायम की है। उनके चले जाने से मुझे व्यक्तिगत और समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है।
मुझे याद है वर्ष 2009 में क्षुल्लक अवस्था में उन्होंने मेरी परिवार सहित जो सेवा की थी, उसी के कारण आज मैं महाव्रतों का पालन कर पा रहा हूं। नरेंद्र जी के पुनीत कार्यों को समाज सदैव याद रखेगा। आप अल्प आयु में ही इस दुनिया से विदा हो गए, लेकिन आपके कर्म और धर्म के प्रति आपका समर्पण सदैव आपको जीवंत रखेगा।
आपने अपने परिवार में धर्म और संस्कार का जो बीजारोपण किया है, वह वट वृक्ष की भांति समाज को शांति और समृद्धि की छाया देता रहेगा।
आपका असमय चले जाना समाज और हम सबके लिए बड़ा आघात है। धर्म मां प्रेरणा शाह जी से मेरा अनुरोध है कि इस कठिन समय को वह परम पिता परमेश्वर की इच्छा मानकर स्वयं और परिवार को सभालें। आपके गृहस्थ धर्म के पालन में पूरा समाज और हम सब संत आप के साथ हैं। दुःख की इस घड़ी में ज्यादा कुछ लिखने में भी असमर्थ हूं ।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह सभी परिवारजन को यह आघात सहन करने की शक्ति प्रदान करे और दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करे।
मुनि पूज्य सागार
श्रीमती प्रेरणा शाह
सागवाड़ा
Give a Reply