17
Aug
संसार के सभी प्राणी सुख पाने के लिए किसी ने किसी का सहारा पाने की कोशिश में लगे रहते हैं। संतों के सान्निध्य और गुरुओं के आशीर्वाद के रूप में हमें सच्चा सहारा मिलता है। हमें ऐसा ही सान्निध्य मुनि श्री पूज्य सागर जी के रूप में प्राप्त हुआ है। इनकी सकारात्मक सोच से समाज में नई जाग्रति आई है। मुनि श्री की 48 दिन की मौन साधना से हम सभी को यह संदेश मिला कि आत्मकल्याण के लिए साधना का मार्ग अपना कर संसार के दुखों से छुटकारा पाने का प्रयास किया जा सकता है। मुनि श्री का युवावस्था में कठिन साधना होना निश्चय ही मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होने का सूचक है।
कमल कुमार बैद
किशनगढ़
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