17
Aug
जब से मुनि श्री का किशनगढ़ आगमन हुआ है, तब से मैं लगभग हर रोज उनके साथ रहता हूं। किशनगढ़ में कई संतों और जैन मुनियों का आगमन हो चुका है लेकिन किसी ने भी 48 दिन की मौन साधना के कठिन व्रत को धारण नहीं किया। ऐसे में मेरे मन में जिज्ञासा था कि मुनि श्री इतने दिन की मौन साधना करेंगे तो इसका क्या प्रभाव हमारे जीवन पर होगा। मैं मुनि श्री के साथ पूरे 48 दिन रहा और मुझे ऐसा लगा कि जैसे मैं एक नई सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज हो चुका हूं। यही सकारात्मकता मुझे से होते हुए, मेरे परिवार तक भी पहुंची और उन्हें भी अप्रत्यक्ष रूप से मुनि श्री की साधना का पुण्य फल मिल ही गया। मुनि श्री ने अपने चिंतन और साधना से हम सभी को जीवन जीने की जो नई दिशा दी है, उसके लिए मैं जीवन भर उनका कृतज्ञ रहूंगा।
मनीष गोधा
राष्ट्रीय मंत्री, अंतर्मुखी सोशल मीडिया
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