17
Aug
मुनि पूज्य सागर जी एक क्लिष्ट संत न होकर, सरल महात्मा हैं। वह जो शिक्षा देते हैं, उससे सभी का जीवन सरल बनेगा, उसमें कटुता नहीं होगी, इसमें कोई दोराय नहीं है। मुनि पूज्य सागर एक ऐसे संत है, जो निस्वार्थ भाव से जनकल्याण में जुटे हुए हैं और उसी को देखकर दूसरे लोग भी उनसे प्रेरित होते हैं। मुनि श्री समय-समय पर प्रवचन मालाएं भी आयोजित करते हैं, जिसमें वह सभी धर्मों के लोगों को बुलाते हैं, इससे समाज में समाजिक सौहार्द फैलता है और लोगों में परस्पर प्रेम बढ़ता है। मुनि श्री का यह कदम अपने आप में अनूठा ही कहा जाएगा।
महंत श्यामदास जी उदासी
उदासीन संप्रदाय, किशनगढ़
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