तुम सब पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे हो, इसलिए तुम सब को पता ही है कि 2021 आने वाला है। तुम्हारे लिए 2021 कैसा रहे इसका निर्णय तुम्हें ही करना है। तुम चाहते हो कि यह वर्ष तुम्हारे लिए सुख, शांति और समृद्धि के साथ निकले, शिक्षा क्षेत्र में तुम आगे बढ़ो, शरीर-स्वास्थ्य आदि अच्छा रहे तो तुम अभी से किसी साधु के पास जाना प्रारम्भ करो। किसी साधु को अपना गुरु बना लो जिनसे तुम अपने सुख-दुख की बात कह सको। अपने पापों का प्रायश्चित्त कर सको। जो तुम्हें मार्गदर्शन दे सके। ऐसा करोेगे तभी तुम इस संसार के दुखों से बच सकते हो।
गुरु की आवश्यकता इसलिए है कि आज चारों ओर पाश्चात्य संस्कृति और बुरी संगति वाले लोग हैं। बुरा वातावरण चारों और बना हुआ है। इस वातावरण का प्रभाव हम पर ना पडे़ और इस प्रकार के वातावरण से हम कैसे बच कर रह सकते है, इन सब का ज्ञान गुरु से ही मिल सकता है।
कहा भी है गुरु के बिना जीवन शुरू नही हो सकता है। पर एक बात का ध्यान रखना जितने भी दिगम्बर साधु हैं, उनके प्रति भी उतनी ही श्रद्धा रखना जितनी श्रद्धा तुम अपने गुरु पर रखते हो। अंतर इतना ही रहेगा कि तुम अपने पापों का प्रायश्चित्त और अपने सुख-दुःख की बात अपने गुरु से ही कहोगे। तुम्हें पता है जो साधुओं के आहार, विहार, साधना आदि में सहयोग करता है उसे साधु के पुण्य के छठवें भाग का पुण्य मिलता है। तुम्हें पता है दिगम्बर साधु की सेवा करने से हमारा आचरण भी उज्ज्वल होता है। साधु के चरणों की धूल भी हमारे दुःखों को दूर कर देती है, इसलिए अभी तक अगर तुमने किसी को गुरु नही बनाया हो तो आज ही 2021 के प्रारम्भ होने से पहले श्रीफल चढ़ा कर किसी भी दिगम्बर साधु को गुरु बनाओ। फिर देखना कैसे तुम्हारी किस्मत बदलती है।
अनंत सागर
पाठशाला
(बत्तीसवां भाग)
5 दिसम्बर 2020, शनिवार, बांसवाड़ा
अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
(शिष्य : आचार्य श्री अनुभव सागर जी)
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