17
Aug
मुनि पूज्य सागर जी क्षुल्लक अवस्था में सागवाड़ा आए थे, आज वो मुनि हैं। धर्म की राह जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, हमें भी साथ लेकर चले। आज हम उन्हीं की प्रेरणा से जैन समाज के कई संगठनों से जुड़े हुए हैं और धर्म की प्रभावना कर रहे हैं। यह सब मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज की प्रेरणा से ही संभव हो पाया है। हमारे परिवार में सभी बच्चे, बेटा-बहू सभी धर्म के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। मुनि श्री ने हमें नई पीढ़ी को धर्म से जोड़ना सिखाया, जिसका लाभ प्रत्यक्ष रूप से हमारे परिवार को और अप्रत्यक्ष रूप से हमारे परिवार के जरिए बहुत से परिवारों को मिला है। हम इस चीज के मुनि श्री की हमेशा आभारी रहेंगे कि उन्होंने हमें कभी धर्म की राह से भटकने नहीं दिया।
नरेंद्र शाह-प्रेरणा शाह
सागवाड़ा
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