12 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार रत्नत्रय की पालना से पवित्र हो जाती है देह -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
11 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार जीवन के सुख-दुःख हमारे कर्मों का प्रतिफल -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
10 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार भगवान जिनेंद्र के उपदेशों पर नहीं होनी चाहिए कोई शंका-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
09 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार सद्भावी गुरू के सान्निध्य से ही संभव है सम्यक दर्शन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर
08 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार सत्य बोलें, विश्वसनीय बनें -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर
06 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार व्यक्ति की नही उसके गुणों की होती हैं पूजा- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर
05 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार जीवन की आवश्यकताएं बनती हैं दुःखों का कारण- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
04 Jan By admin 0 Comment In अनंत सागर, श्रावकाचार जो प्रशंसा के साथ गलतियां भी बताए, वही सच्चा हितकारी-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज