14 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग सात : सत्य और मधुर भाषा बोलने में विश्वास करते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
14 May By admin 0 Comment In अंतर्भाव दया, धर्म को ना छोडे़ं, उसी से बढ़ेगी आत्मशक्ति – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
13 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग छः : जीव मात्र के प्रति दया भाव रखते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
13 May By admin 0 Comment In प्रेरणा धर्म साधना करने वाले साधुओं के चरणों में हर रोग का उपचार है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
12 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग पांच : सातगौड़ा को अपना जीवनदाता मानते थे शूद्र – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
12 May By admin 0 Comment In श्रावक कैसी भी परिस्थिति हो पर अशुभ वचन नहीं बोलें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
11 May By admin 0 Comment In कर्म सिद्धांत गलती को स्वीकार करने वाला महान बन जाता है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
11 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग चार : अपूर्व था सातगौड़ा का पक्षियों के प्रति प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज