05 Jul By admin 0 Comment In शांति कथा भाग पचास : जितना चाहे करो धर्म का पालन, लेकिन करो अच्छी तरह से-आचार्य शांतिसागर महाराज
05 Jul By admin 0 Comment In अंतर्मुखी के दिल की बात अहंकार से कलंकित न करें इतिहास – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
04 Jul By admin 0 Comment In शांति कथा भाग उन्चास : जैन धर्म में नहीं है निरपराधी जीव की हिंसा – आचार्य शांतिसागर महाराज
03 Jul By admin 0 Comment In पाठशाला लवण और अंकुश की सर्वगुणसम्पन्नता – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
02 Jul By admin 0 Comment In शांति कथा भाग सैंतालीस : व्रती जीव ही देवगति में जाता है, इसलिए करें पापों का त्याग-आचार्य शांतिसागर महाराज
01 Jul By admin 0 Comment In शांति कथा भाग छियालीस : अपनी प्रशंसा सुनकर राई के बराबर भी आनंद नहीं मिलता था आचार्य शांतिसागर महाराज को